लॉकडाउन महामन्त्र । डा० अजय कुमार झा
लॉकडाउन का बीजमन्त्र जगत् में आया है,
नवीन ऋषियों। ने जीवन रक्षक इसे बताया है ।
मायावी कोरोना का आतंक जगत् में छाया है,
त्राहि माम् का रट वीर योद्धा॥ ने भी लगाया है,
पूरी दुनिया को इसने अपने बल से डराया है्,
लॉकडाउन का नया मन्त्र जगत् में आया है ।
छ्द्म रूपधारी यह क्षण क्षण रूप बदलता है,
दिशाहीन यह विश्व भ्रमण पर रहता है,
दयाहीन यह बाल- वृद्ध सबका भक्षण करता है,
प्राणहीन यह प्राणियों का संहारक बन आया है।
जात-पात का भेद न देखे यह मयावी,
अमीर-गरीब, ऊच्च-नीच सब है एक समान
एक तुला पर सबको तौले यह
जैसे सतयुग का यह नायक हो महान।
मायावी कोरोना यह सूक्ष्मरूपधारी है,
राक्षस, भूत, पिशाच सब पर भारी है,
गोला, बारुद, मिसाईल दागो,
पर यह शत्रु अभेद्य कवचधारी है।
सुजन॥। श्रेष्ठ चिन्तन गहन कर कहे,
लॉकडाउन का बीजमन्त्र ही इसका संहारी है,
इस मन्त्र का नैष्ठिक जप करो,
मानव निश्चित ही विजय तुम्हारी है।
लॉकडाउन के बीजमन्त्र में
मानव सिद्धि छुपी तुम्हारी है,
करे भूल तो जानो, हे नर नारी
शत्रु का आमन्त्रण इससे सुकर क्या हो पायेगा ?
लॉकडाउन के बीज मन्त्र का यजन बस
संकल्प द्वय का सम्यक् पालन है,
दो गज की दूरी को अपनाना है,
मास्क पहनकर ही घर से बाहर जाना है।
भयभीत नहीं है होना मानव इस महामारी से,
लॉकडाउन की शक्ति से यह स्वयं विनष्ट हो जयेगा
हर घर में पताका तेरा ही फहरायेगा
मानव का विजय कौन रोक पायेगा ?
लॉकडाउन का बीजमन्त्र जगत् में आया है,
नवीन ऋषियों ने जीवन रक्षक इसे बताया है ।
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। ऋषि = चिकित्सक, वैज्ञानिक, चिन्तक
॥ वीर योद्धा = अमेरिका आदि ताकतवर देश
॥। सुजन= चिकित्सक, वैज्ञानिक, चिन्तक