Included in the UGC-CARE list (Group B Sr. No 172)
बेखबर हम…
बेखबर होकर आये थे रो कर इस दुनिया मे
बिन जाने कि फिदरत रोना हे इस दुनिया की
भागना चाहा इस दुनिया की जन्जिरो से
लेकिन फिर खबर चली इस दुनिय की… ।
कि… । भागना भि है एक और फिदरत इस दुनिया की
फिर…
कुछ न कर सके और सिमट गयी एक और जान इस दुनिया की
इस बार बेखबर होके एक और बार्…
कि…
एक और फिदरत लडना भि है इस दुनिया की लेकिन…
हम क्या है यह पता चला तब देर हुइ जताने की
इसिलिये…
ज़िंदा हो तब बता दो क्या फिदरत है आपकी … ।

यह ज़िंदा राते बेहतर है मरे हुए दिनो से
जो ऐतबार लेती है आपकी सासोन से
की ज़िंदा हो आप इन मरे दिनो मे
जहा रुह और सिर्फ ऐतरम है इस बात पे…
कि… । ज़िंदा आप । । है । ।
कर गुजर जो दिल चाहे
परवाह कर जो और दिल जुडे हुए है आपसे
और फिर देख्… ।
बताती है जिंदगी
कि… । । ।
अब यह रात और दिन्… दोनो जिन्दा है…। । ।
डो. क्रीपाली जाडेजा